बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियाँ तेज़ हो गई हैं। इस चुनाव में National Democratic Alliance (एनडीए) तथा Mahagathbandhan-भारत (आईएनडीआईए) के बीच कड़ा मुकाबला दिख रहा है। विधान सभा के 243 सीटों के लिए मतदान 6 नवंबर (पहला चरण) और 11 नवंबर (दूसरा चरण) को होगा, जिसके बाद 14 नवंबर को मतगणना की जाएगी।
मुख्य राजनीतिक दलों ने अपने-अपने गठबंधन समझौतों व सीट-बाँट की रूपरेखा तय कर ली है। महागठबंधन में Vikassheel Insaan Party (वीआईपी) को लगभग 15 सीटें और CPI‑ML (Liberation) को करीब 20 सीटें दिए जाने का अनुमान है।
एजेंसियों को डायरेक्टिव दिए गए हैं कि नकदी, शराब व मादक पदार्थों के उपयोग को नियंत्रित कर चुनाव को निष्पक्ष व पारदर्शी बनाया जाए।
🔍 राजनीतिक पृष्ठभूमि
बिहार इस बार सिर्फ राज्य-स्तरीय मुकाबला नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी अहम माना जा रहा है। बेरोजगारी, पलायन, सूचीकरण विवाद व महिला वाशिंग वोटर की भूमिका प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं।
एनडीए ने अपनी विकास और जनकल्याण की उपलब्धियों को आधार मानते हुए प्रचार तेज किया है, जबकि विपक्ष विकास के साथ सामाजिक न्याय व भ्रष्टाचार विरोधी एजेंडा को जनता के सामने रख रहा है।
📌 प्रमुख बिंदु
मतदाता सूची में विशेष बदलाव व निगरानी प्रक्रियाएँ लागू की गई हैं — मतदान केंद्रों में अधिकतम 1 200 मतदाता सुनिश्चित।
हर बूथ पर फोटो के साथ उम्मीदवार जानकारी व ईवीएम यादृच्छिकरण प्रक्रिया पूरी।
रहवासी पलायन, युवाओं की नौकरी, ग्रामीण विकास, महिलाओं की भागीदारी जैसे भारी सामाजिक-आर्थिक विषय सक्रिय।
सीट-बाँट व प्रत्याशियों की सूची जारी हो चुकी है — माहौल पहले से ही गरम।
🏁 निष्कर्ष
चुनावी घड़ी अब तेजी से आगे बढ़ रही है। राजनीतिक दलों की रणनीतियाँ, वोटर ट्रेंड्स, सामाजिक मुद्दे व चयनित उम्मीदवार तय कर रहे हैं कि 6 और 11 नवंबर को किस ओर झुकाव होगा। इस विधानसभा चुनाव का परिणाम राज्य व राष्ट्रीय राजनीति दोनों पर प्रभावी होगा।