नई दिल्ली | भारत ने आर्थिक मोर्चे पर एक सकारात्मक संकेत देते हुए अपने विकास की दिशा में मजबूती दिखायी है। सरकार द्वारा आज जारी सातवीं मासिक आर्थिक रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2025-26 में घरेलू मांग, उपभोक्ता खर्च और निर्यात-विविधीकरण के कारण आर्थिक वृद्धि सुस्त नहीं हुई बल्कि टिकाऊ बनी रहने की संभावना है।
रिपोर्ट ने बताया है कि महंगाई में धीरे-धीरे कमी आई है, टैक्स-कट्स और निवेश-उपक्रमों को प्रोत्साहन मिलने से रोजगार-परिस्थितियों में सुधार हो रहा है। सरकार ने विशेष रूप से कहा है कि भारत का व्यापारिक स्वरूप अब “केवल अमेरिका पर निर्भर नहीं”, बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के नए बाजारों में फैल रहा है।
विश्लेषकों का मानना है कि यदि वैश्विक अर्थव्यवस्था तनाव का सामना कर रही है, तो भारत के लिए यह अवसर बन सकता है क्योंकि आंतरिक उपभोक्ता खपत बनी हुई है और फाइनेंसियल सेक्टर में सुधार हो रहा है। बैंकिंग शेयरों में भी आज गिरावट के बाद तेजी देखी गयी- जो इस विश्वास का संकेत है कि निवेशक भारत को सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं।
फिर भी चुनौतियाँ विद्यमान हैं—उदाहरण के लिए, ग्रामीण बेरोज़गारी और महँगाई के दबाव के बीच संतुलन बनाए रखना आसान नहीं है। इसके बावजूद, आज की रिपोर्ट ने यह भरोसा जगाया है कि विकास की गति नियंत्रित रूप से आगे बढ़ सकती है।