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अब से भारत में येलो पीज़ (yellow peas) - आयात कर 30% की दर से लागू होगा।
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इस निर्णय के पीछे कारण: घरेलू किसानों द्वारा सस्ता आयात से उत्पादन व कीमतों पर दबाव का विरोध।
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सरकार ने कहा है कि 31 अक्टूबर 2025 से पहले बिल ऑफ लाडिंग पर स्थित शिपमेन्ट्स इस नए कर से छूट पाएँगे।
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इस फैसले से कृषि-उत्पादन व स्थानीय बाज़ार संरचना को संरक्षण मिलेगा, वहीं आयातकों को अतिरिक्त लागत उठानी पड़ेगी।
नई दिल्ली — केंद्र सरकार ने बुधवार देर शाम एक अधिसूचना जारी कर अगले सप्ताह से येलो पीज़ (Yellow Peas) पर 30% आयात शुल्क लगाने का निर्णय लिया है।
इस कदम का मकसद घरेलू बाज़ार में आयात-दवाब को नियंत्रित करना है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में येलो पीज़ का आयात भारतीय किसानों व बाज़ार कीमतों पर बढ़ते प्रभाव डाल रहा था। किसानों ने लगातार सस्ता आयात को अपनी फसल व मुनाफे के लिए खतरा माना था।
अधिसूचना के अनुसार, 31 अक्टूबर 2025 तक बिल ऑफ लाडिंग (Bill of Lading) पर स्थित शिपमेंट्स इस नए आयात शुल्क से मुक्त रहेंगे। इस तरह आयातकों को एक संक्रमण-काल मिलेगा, जबकि सरकार ने जल्दी-लगौती की प्रक्रिया तेज़ करने की दिशा में संकेत दिया है।
विश्लेषकों का मानना है कि इस नीति-परिवर्तन से अगले कुछ महीनों में येलो पीज़ की कीमतें बढ़ सकती हैं और घरेलू किसानों की स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है। लेकिन साथ ही, खाद्य-इनपुट-उद्योगों को अपनी लागत-संरचना पुनरावलोकन करनी होगी, क्योंकि पीज़ आयात पर निर्भरता रखने वालों के लिए चुनौतियाँ बढ़ जाएँगी।
कृषि मंत्रालय ने कहा है कि यह कदम “किसान-हित व खाद्य-सुरक्षा” को ध्यान में रखकर लिया गया है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया है कि वे फसल विविधीकरण व गुणवत्ता-उर्जित उत्पादन की ओर अधिक ध्यान दें।